( अध्याय 5
रोजगार एवं सेवा

रोजगार एवं सेवा में क्या संबंध है
श्रम बल तथा कार्य बल में अंतर
समाज के जो व्यक्ति वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन कर सकते हैं वही श्रमबल का निर्माण करते हैं परिवार के बच्चे एवं बूढ़े तथा मानसिक व शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति इन क्रियाओं में शामिल नहीं होते हैं इसके अतिरिक्त हम श्रमबल में से ऐसे व्यक्तियों को निकाल देते हैं जो परिवारिक अधिकारियों में व्यस्त हैं या कार्य करने के लिए इच्छुक नहीं है इसका अभिप्राय यह है कि जो व्यक्ति वास्तविक रुप से आर्थिक क्रियाकलापों में लगे हैं अथवा उन्हें करने के योग्य हैं वह सभी श्रम बल के सदस्य हैं इसके विपरीत जो इन क्रियाओं में वस्तुतः लगे हुए हैं उन्हें कार्य बल के रूप में जाना जाता है कार्य बल तथा श्रम बल के अंतर को बेरोजगार श्रमबल कहते हैं जनसंख्या के द्वारा ही प्राकृतिक एवं पूंजीगत साधनों के सहयोग से सकल राष्ट्रीय उत्पाद का सृजन होता है ।
आर्थिक विकास का क्षेत्र
रोजगार एवं सेवाएं आर्थिक विकास के विकास और विस्तार से उपलब्ध होती है आर्थिक विकास के मुख्य रूप से तीन क्षेत्र हैं A. कृषि क्षेत्र B. उद्योग क्षेत्र C. सेवा क्षेत्र्
कृषि क्षेत्र
भारत एक कृषि प्रधान देश है कृषि क्षेत्र पर कुल जनसंख्या का लगभग 70% बोझ अत्यधिक जनसंख्या के कारण कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर छीन हो गया है फल स्वरुप कृषि क्षेत्र में छिपी हुई बेरोजगारी एवं अन्य बेरोजगारी पाए जाने लगे हैं जनसंख्या वृद्धि के साथ साथ खेती के लिए जमीन में वृद्धि नहीं हो पा रहा है और एक ही भूखंड पर आने वाली नई पीढ़ी भी जुड़ता जा चला जा रहा है जिससे उत्पादन की मात्रा प्रति व्यक्ति पर घटता चला जा रहा है
उद्योग क्षेत्र
रोजगार का दूसरा क्षेत्र उद्योग क्षेत्र है इस क्षेत्र के माध्यम से भी रोजगार की प्राप्ति की जा रही है देश की औद्योगिक विकास की गति में तेजी आने के द्वारा ही औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार की वृद्धि होती है
सेवा क्षेत्र
सेवा क्षेत्र को ही आर्थिक विकास का तृतीय क्षेत्र कहा जाता है सेवा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद में 55.1 प्रतिशत योगदान है जबकि कृषि एवं उद्योग का मात्र 44.9 प्रतिशत आर्थिक उदारीकरण एवं वैश्वीकरण के कारण सेवा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति देखने को मिलती है सेवा क्षेत्र रोजगार का एक व्यापक क्षेत्र है जिसके अंतर्गत आए दिन मानव संसाधन के लिए व्यापक पैमाने पर रोजगार उपलब्ध होने लगे है
सेवा क्षेत्र का महत्व बताएं
आर्थिक विकास एवं रोजगार की दृष्टि से सेवा क्षेत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण है इस क्षेत्र की सेवा में परिवहन संचार विज्ञापन वाणिज्य तथा सभी प्रकार के सरकारी एवं गैर सरकारी सेवाओं को सम्मिलित किया जाता है विकसित देशों का अधिकांश कार्य बल सेवा क्षेत्र में कार्यरत है इस क्षेत्र की सेवाओं में इन देशों की आर्थिक विकास को बहुत प्रोत्साहन मिला है
वर्तमान समय में भारत का सेवा क्षेत्र बहुत विकसित नहीं है लेकिन आज भी हमारे सकल राष्ट्रीय उत्पाद में क्षेत्र का योगदान 50% से अधिक है । कृषि के यंत्रीकरण एवं आधुनिक औजरो के प्रयोग से क्षेत्र में रोजगार के अवसर क्रमशः कम हो रहे हैं , इसके फलस्वरुप ग्रामीण जनसंख्या रोजगार की खोज में शहरों में पलायन हो रहा है परंतु हमारे देश का औद्योगिक क्षेत्र में बहुत विकसित नहीं है आर्थिक विकास के साथ ही विनी विनिर्माण उद्योग में भी रोजगार के अवसर का विस्तार होगा लेकिन पूंजी तथा अत्याधुनिक तकनीक के अभाव में औद्योगिक क्षेत्र की विकास दर में बहुत तेजी से वृद्धि होने की संभावना नहीं है यही कारण है कि आप सभी विकासशील देश रोजगार के नए अवसरों के सृजन के लिए सेवा क्षेत्र को महत्व देने लगे l
हमारे देश तथा राज्य के लिए सेवा क्षेत्र का विशेष महत्व है इस छेत्र में की जाने वाली विभिन्न प्रकार की संरचनात्मक सेवाओं और सुविधाओं एक अर्थव्यवस्था को क्रियाशील बनाती है उदाहरण के लिए कच्चे माल मशीन यंत्र को कारखाना तक पहुंचाने तथा उत्पादित वस्तुओं को बाजार तक ले जाने के लिए यातायात के साधन आवश्यक है उसी प्रकार शक्ति औद्योगिक उत्पादन का आधार है आधुनिक उद्योगों के मुख्यता मशीनों का प्रयोग होता है जो शक्ति अथवा बिजली से संचालित होते हैं संरचनात्मक और सेवाओं के अभाव में कृषि एवं उद्योग किसी भी क्षेत्र का विकास संभव नहीं है l
भारत एक विकासशील देश के आर्थिक विकास के लिए अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पूंजी निवेश की आवश्यकता है उन्हें पूंजी निवेश करना चाहते हैं उद्योग व्यवसाय के लिए सड़क बिजली पानी आदि कि सुविधाएं उपलब्ध है।
सेवा क्षेत्र के भाग
सेवा क्षेत्र को सामान्यतः दो भागों में विभक्त किया जा सकता है-
सरकारी सेवा जब देश व राज्य की सरकार लोगों को काम करने के बदले मासिक वेतन देती है इनसे विभिन्न क्षेत्रों में काम लेती है तो उसे सरकारी सेवा कहा जाता है सरकारी सेवा के कुछ व्यापक क्षेत्र का उदाहरण है इस प्रकार है जनसेवा रेल सेवा वायु यान सेवा स्वास्थ्य वा वित्त सेवा शिक्षा सेवा बस सेवा कृषि सेवा अभियंत्रण सेवा बैंकिंग सेवा आदि।
गैर सरकारी सेवा
जब सरकार अपने द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों को गैर सरकारी संस्थानों के सहयोग से लोगों तक पहुंचाने का काम करती है अथवा लोग स्वयं अपने प्रयास से ऐसी सेवाओं का सृजन से लाभान्वित होते हैं तो उसे गैर सरकारी सेवा कहा जाता है इस क्षेत्र के कुछ उदाहरण इस प्रकार हैं बैंकिंग सेवा दूरसंचार सेवा यातायात सेवा स्वास्थ्य सेवा स्वरोजगार सेवा आदि।
रोजगार सृजन में सेवाओं की भूमिका आज विश्व का लगभग सभी देशो में कृषि और औद्योगिक क्षेत्र की उत्पादक विधियों एवं तकनीक में परिवर्तन हो रहे हैं इन परिवर्तनों से सेवा क्षेत्र के विकास को प्रोत्साहित किया है सेवा क्षेत्र अब किसी देश का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हो गया है तथा इस क्षेत्र में रोजगार की संभावना निरंतर बढ़ती जा रही है
भारत के सकल राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का मात्र 22 प्रतिशत योगदान होता है जबकि देश की लगभग 70% जनसंख्या अपने जीवन यापन के लिए इसी पर निर्भर करती हैं कृषि पर से इस अत्यधिक आभार को कम करने के लिए सेवा क्षेत्र का विस्तार आवश्यक है क्षेत्र के अत्यधिक ऐसे अनेक व्यवसाय हैं जिनमें अपेक्षाकृत कम पूंजी निवेश के द्वारा बड़े पैमाने पर रोजगार सेवा क्षेत्र की पारंपरिक सेवाओं में परिवहन जिनमें शिक्षा एवं सेवाओं को भी सम्मिलित किया जाता है यह बड़े बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था करती है तथा आर्थिक विकास के साथ-साथ में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है भारत की परिवहन सेवाओं में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है यह हमारे देश के माल ढोने और यात्री परिवहन के साधन है सुरक्षा सेवाओं के बाद रेल देश के सबसे अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कराता है हमारा देश विश्व की सबसे बड़ी सड़क प्रणाली वाले देशों में एक है लेकिन अभी भी देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क की बहुत कमी है तथा ग्रामीण क्षेत्र के निर्माण बहुत अधिक रोजगार सृजन संभव है ग्रामीण क्षेत्र में सड़क का विकास प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत किया जा रहा है इस योजना के उद्देश्य से सभी गांव को सड़क से जोड़ना है जिनकी आबादी 500 से अधिक है जहाजरानी और विमान सेवाएं हमारे देश के अन्य परिवहन साधन है तथा आर्थिक विकास के साथ ही इन सेवाओं में भी रोजगार के अवसर में वृद्धि हुई है।
वर्तमान में रोजगार सृजन की दृष्टि से संसार सेवाएं भी अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं डाक सेवक टेलीग्राफ टेलीफोन रेडियो संचार के साधन है इसका प्रयोग कर रहे हैं परंतु विगत वर्षों के अंतर्गत संचार उपग्रहों के प्रयोग से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं क्षेत्र में टेलीफोन मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का प्रयोग होने लगा है इसके परिणाम स्वरुप क्षेत्र में रोजगार के अवसर में वृधि हो गया हैं।
· राष्ट्रीय स्तर पर भारत सरकार के द्वारा रोजगार सृजन करने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसका क्रियान्वन राज्य सरकार के द्वारा भी किया जा रहा है जिसमें सरकार के द्वारा रोजगार हेतु निम्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है सरकार के द्वारा चलाई गई योजना
· काम के बदले अनाज 14 नवंबर 2004
· राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम 1980
· ग्रामीण युवा स्वरोजगार प्रशिक्षण का कार्यक्रम 1979
· ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी कार्यक्रम 1983
· समेकित ग्रामीण विकास कार्यक्रम 20 अक्टूबर 1890
· जवाहर रोजगार योजना 1889
· स्वयं सहायता समूह
· नरेगा
आउटसोर्सिंग किसे कहते हैं ?
विगत वर्षों के अंतर्गत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का बहुत तेजी से विकास हुआ है ।आज दूर संचार सुविधाओं द्वारा पूर्व की अपेक्षा विभिन्न देशों से संपर्क स्थापित करना तथा सूचनाओं का आदान प्रदान करना शुरू हो गया है अतः अब हम अपने देश में रहकर भी विश्व के अन्य देशों को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं इससे सेवा क्षेत्र को बहुत विस्तार हुआ है तथा अन्य वस्तुओं के समान हैं इस क्षेत्र के उत्पादन का भी निर्यात होने लगा है ,जब कोई कंपनी अपने उत्पादन से संबंधित सेवाएं अन्य स्रोतों अथवा देशों से प्राप्त करती है तो उसे आउटसोर्सिंग कहते हैं हमारे देश में शर्म सस्ता होने के कारण विकसित देशो के अन्ए काव्य अपनी सेवाओं का भारत में आउटसोर्सिंग करने लगी है एक विदेशी फॉर्म द्वारा अपनी पुस्तक के डिजाइन छपाई आदि के कार्य हमारे देश में करवाना आउटसोर्सिंग का उदाहरण है।
भारत विश्व को सेवा प्रदाता के रूप में
21 वीं शताब्दी के विश्व के सेवा क्षेत्र में भारतीय श्रम पूंजी का महत्व पूर्ण योगदान रहा है । हमारे देश के निवासी बहुत पहले से उत्तरी अमेरिका ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन आदि विकसित देशों में जाकर अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे हैं आज भारत को विश्व का अग्रणी युवा देश कहा जाता है जहां संपूर्ण जनसंख्या में ऊर्जावान युवा वर्ग की संख्या अधिक हो गई है यह विकास की गति को बढ़ाने में मददगार साबित हो रहा है अपने देश में अफसरों की कमी तथा उन देशो का उच्च जीवनस्तर है भारतवासियों को विकसित देशों में जाने के लिए प्रेरित करता है
उदारीकरण के कारण विश्व के सेवाक्षेत्र में जो विकास की गति आई है इसका लाभ सभी देशों को प्राप्त होने के अवसर आने लगे हैं इस दृष्टिकोण से आज विश्व के औद्योगिक विकसित देश अपने उत्पाद एवं सेवाओं के विभिन्न कामों को संपादन व से लेकर आने लगे हैं जहां उपलब्ध होती है उदाहरण के लिए इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में से अधिक का उत्पादन चीन तथा कोरिया में होता है और भारत में भी डाबर कंपनी अपने उत्पाद के कम करने के लिए अपने पड़ोसी देश नेपाल में कारखाना खोल रखे हैं जहां श्रम शक्ति शक्ति है जब बहुराष्ट्रीय कंपनी अपने संबंधित सेवाएं अपनी कंपनी के जारी किया विदेशी समूह से प्राप्त करती है तो ऐसे सेवाओं को आउटसोर्सिंग कहा जाता हैं ।
सेवा क्षेत्र के विकास में बुनियादी सुविधाएं की भूमिका
सेवा क्षेत्र का संबंध मनुष्य की आवश्यकताएं और सुख सुविधाओं से है आर्थिक विकास एवं आय में वृद्धि के साथ ही इस क्षेत्र द्वारा उत्पादित वस्तुओं की मांग बढ़ती है लेकिन इस क्षेत्र का विकास मुख्य रूप से मानव है तत्वों पर निर्भर है तथा इसके विकास का विस्तार के लिए मानवीय संसाधनों का विकास आवश्यक है योगी कुशल एवं प्रशिक्षण के अभाव में सेवा क्षेत्र का विकास संभव नहीं है एक सक्षम श्रम बल का निर्माण करने के लिए कुछ बुनियादी एवं आधारभूत सुविधाएं आवश्यक है इस प्रकार की सुविधाएं श्रम बल की कार्यकुशलता को बढ़ाती है इन सेवाओं और सुविधाओं में निम्नलिखित महत्वपूर्ण है
वित्त (finance) बैंकिंग क्षेत्र बीमा क्षेत्र अन्य सरकारी विद्या क्षेत्र वित्त क्षेत्र
ऊर्जा (energy) कोयला विद्युत रेल पेट्रोलियम गैस गैर-पारंपरिक ऊर्जा एवं अन्य।
यातायात (transport) रेलवे सड़कें वायुयान जलयान
संचार (communication) दाक तार टेलीफोन टेली संचार मीडिया एवं अन्य।
गैर आर्थिक संरचना से मनुष्य की क्षमता एवं उत्पादकता में वृद्धि कर अप्रत्यक्ष रुप से उत्पादक एवं अंततः आर्थिक विकास में सहायता प्रदान किया जाता है
शिक्षा (education) मानवीय संसाधनों के विकास की दृष्टि से शिक्षा की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है एक उपयुक्त एवं तर्क संगत शिक्षा प्रणाली से देश में कुशल और योग्य श्रम शक्ति का निर्माण होता है और हमारे उत्पादन क्षमता बढ़ती है उचित शिक्षा नागरिकों को मनो बुद्धि ज्ञान एवं क्षमताओं का विकास करो से अधिक योग्य सक्षम तथा बदलती हुई परिस्थितियों के अनुरुप बनाती है केवल व्यक्ति ही नहीं वरन समाज के विकास में भी शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है उचित शिक्षा द्वारा आर्थिक विकास के लिए अधिक अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं तथा राष्ट्र और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है यही कारण है कि सरकार द्वारा शिक्षा को उच्च प्राथमिकता प्रदान की गई है ।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मानव संसाधनों के विकास के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सर्वाधिक महत्वपूर्ण है हमारे देश में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाएं ही एक सक्रिय श्रम शक्ति का निर्माण करती है किसी भी व्यक्ति की सतत कार्य करने की क्षमता बहुत आंसुओं में उस के स्वास्थ्य की दशा पर निर्भर है एक स्वस्थ व्यक्ति ही उत्पादन कार्य में सक्रिय रुप से भाग लेकर उत्पादन में वृद्धि कर सकता है वस्तुतः स्वास्थ्य का अधिकार नागरिकों का एक मौलिक अधिकार है यही कारण है कि हमारे राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवाओं को उच्च प्राथमिकता प्रदान की गई है हमारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति का उद्देश्य संक्रामक एवं गैर संक्रामक रोगों के उपचार के साथ ही परिवार कल्याण एवं पोषाहार कार्यक्रम का विस्तार करना है पिछले पांच दशक के अंतर्गत भारत में सरकारी एवं निजी दोनों ही क्षेत्रों में एक वृहद स्वास्थ्य संरचना का निर्माण हुआ है परंतु स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सुविधाओं में वृद्धि होने पर भी इनकी उपलब्धता हमारी आवश्यकताओं की तुलना में बहुत कम है.
आवास एवं अन्य नागरिक सुविधाए मानवीय संसाधनों के विकास के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के समान ही आवाज तथा कुछ अन्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था भी आवश्यक है परंतु भारत में आवास एवं अन्य नागरिक सुविधाओं का विस्तार बहुत निम्न है आवास तथा स्वच्छता जलापूर्ति जैसी सेवाओं का भाव निर्धन वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित करता है क्योंकि वे अपने सीमित साधनों से स्वयं की व्यवस्था करने में असमर्थ होते हैं या भारतीय श्रमिकों की कार्य क्षमता कम करने का एक प्रधान कारण है।
सेवा क्षेत्र के विकास की विवेचना कीजिए
हमारा मानवीय संसाधनों के विकास तथा सेवा क्षेत्र के विस्तार में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है 21वीं सदी को ज्ञान की सदी के रूप में देखा जा रहा है भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं एक महान वैज्ञानिक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने सेवाओं को लोगों की संपत्ति कहा है विगत वर्षों के अंतर्गत हमारे देश में भी संचार एवं सूचना सेवाओं के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है यह शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले सुधार तथा ज्ञान एवं कौशल के विकास का ही परिणाम है हमारे देश के लिए शिक्षा का महत्व इस कारण और बढ़ जाता है कि भारत की में युवा शक्ति का विशाल भंडार है इनकी उचित शिक्षा और प्रशिक्षण द्वारा हम सेवा क्षेत्र में भविष्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं शिक्षा और प्रशिक्षण के तीन मुख्य अंतर है प्रारंभिक शिक्षा माध्यमिक शिक्षा तथा उच्च एवं तकनीकी शिक्षा प्रारंभिक शिक्षा युवा वर्ग को न्यूनतम एवं आधारभूत कौशल सिखाती है प्रारंभिक शिक्षा का हमारी उत्पादक क्रियाओं का पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है यही कारण है कि इस प्रकार की शिक्षा को हमारे देश में सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की गई है भारत सरकार की नई शिक्षा नीति की घोषणा 1986 में हुई थी जिसे 1992 में मैं अद्यतन किया गया इस नीति के अंतर्गत शिक्षा में एकरूपता लाने इसे सर्व सुलभ कराने प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तथा बालिका शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है भारतीय संविधान के नीति निर्देशक तत्व के अनुसार 14 वर्ष के आयु वर्ग के सभी बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना राज्य का दायित्व है जिसमें 6 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार घोषित कर दिया गया है
प्रारंभ एवं माध्यमिक शिक्षा के साथ ही हमारे देश के एक बहुत बड़े समुदाय को माध्यमिक शिक्षा देने की भी व्यवस्था है आर्थिक विकास एवं संरचनात्मक सुविधाओं को बनाए रखने के लिए हमें बहुत बड़ी मात्रा में प्रशिक्षित श्रम की आवश्यकता पड़ती है माध्यमिक शिक्षा द्वारा ही इस प्रकार की श्रम शक्ति का निर्माण होता है सरकार ने वर्ष 1986 में प्रत्येक जिले में औसतन एक नवोदय विद्यालय स्थापित करने की योजना प्रारंभ की है इसका उद्देश्य मुख्यता ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली छात्रों को अच्छे स्तर की आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराना है माध्यमिक शिक्षा को व्यवसाय पर बनाने के लिए कुछ चुने हुए संस्थानों में व्यवसायिक पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं
उच्च शिक्षा के अंतर्गत हमारे सामान्य शिक्षा के साथ ही तकनीकी शिक्षा शामिल है चिकित्सा इंजीनियरिंग पशु विज्ञान कृषि शिक्षा प्रबंधन विधि शिक्षा आदि को तकनीकी शिक्षा की संज्ञा दी जाती है भारत में उच्च शिक्षा का स्तर अपेक्षाकृत कम है इसके लिए उच्च शिक्षा में प्रवेश उसकी गुणवत्ता में सुधार राज्य सभा क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रमों में संशोधन शिक्षा के व्यवसायीकरण तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी के विस्तार की नीति अपनाई गई है।
· मानव पूंजी के मुख्य घटक-भोजन, वस्त्र, आवास, स्वास्थ्य,शिक्षा
आर्थिक मंदी का भारत के सेवा क्षेत्र पर प्रभाव
किसी भी अर्थव्यवस्था की आर्थिक गतिविधियां सदस्य नहीं रहती है तथा इसमें समय-समय पर उतार चढ़ाव होते रहते हैं मंडी एक ऐसी अवस्था है जिसमें व्यवसाय क्रियाएं सामान्य स्तर के नीचे रहती हैं इसके परिणाम स्वरुप उत्पादन एवं आ इ की मात्रा में गिरावट आने लगती है श्रमिक और उत्पादक के अन्य साधन बेरोजगार हो जाते हैं तथा मजदूरों की दरों में कमी हो जाती है विश्व स्तर पर इस प्रकार की मंदी सर्वप्रथम 1930 में हुई या मंदी संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रारंभ हुई जिनसे विश्व के प्राय सभी देशों को प्रभावित किया व्यापार के विस्तार में अब विश्व के विभिन्न निर्देश एक दूसरे के से जुड़ गए हैं चीन से अमेरिका सबसे समृद्ध देश की आर्थिक मंदी से हराया सभी देश प्रभावित हुए थे वर्तमान मंदी का प्रभाव 2008 में अमेरिका से हुआ जिसे सेवा क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित हुआ है उपभोक्ता की मांग कम हो जाने के कारण बहुराष्ट्रीय निगमों को लाभ भी कम हो गया है और वह श्रमिकों की छटनी कर रहे हैं इसे भारत भी प्रभावित हुआ है तथा हमारे सेवा क्षेत्र पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है इससे निजी क्षेत्र के उद्योग एवं व्यवसाय में स्थिरता आई है श्रमिकों की छटनी हुई है यहां के तकनीकी कर्मचारी की विदेशों में कम हो गई है परंतु अमेरिका और यूरोप के देश की अपेक्षा भारत इसे कम प्रभावित हुआ है इसका मुख्य कारण वित्तीय संस्थाओं तथा पूंजी बाजार पर सरकार का प्रभाव पूर्ण नियंत्रण है।
इंद्रा आवास योजना
1985 1986 से सरकार द्वारा इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में आदिवासी हरिजन एवं भूमिहीन श्रमिकों के लिए आवास अर्थात रहने के मकान की व्यवस्था की जा रही है जिसे इंदिरा आवास योजना की संज्ञा दी गई है
सेवा क्षेत्र की महत्व बताएं
आर्थिक विकास तथा रोजगार की दृष्टि से सेवा क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है इस क्षेत्र की सेवाओं में परिवहन संचार विपणन वाणिज्य तथा सभी प्रकार की सरकारी एवं गैर सरकारी सेवाओं को सेवाओं को सम्मिलित किया जाता है l
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