
अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास
* एडम स्मिथ - अर्थशास्त्र
के पिता
* एडम स्मिथ के द्वारा लिखा
गया किताब द बेस्ट ऑफ द नेशन जिसमें उन्होंने अर्थव्यवस्था की बात की
थी
अर्थव्यवस्था का अर्थ
अर्थव्यवस्था का अर्थ किसी देश या समाज के उस व्यवस्था से या संगठन
से है जिसके अंतर्गत मनुष्य अपने आर्थिक क्रियाकलाप द्वारा जीविकोपार्जन अर्थात आवश्यक्ताओं की
संतुष्टि करता है
दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि
"अर्थव्यवस्था एक ऐसा तंत्र या ढांचा है जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार
की आर्थिक क्रियाएं संपादित की जाती हैं" जैसे कृषि उद्योग व्यापार बैंकिंग बीमा
परिवहन तथा संचार आदि
*
ब्राउन के अनुसार "अर्थव्यवस्था जीविका अर्जन की एक
प्रणाली है "
* आर्थिक
क्रियाकलाप– हमारी हुए सभी आर्थिक क्रियाएं जिससे हमें आय प्राप्त होती है
अर्थव्यवस्था का जन्म किसी देश के प्रकृति तथा भौतिक साधन एवं उसके मानव्य प्रयत्न ही अर्थव्यवस्था
की सृष्टि करता है
अर्थव्यवस्था के दो प्रमुख कार्य होते हैं
1 उपलब्ध साधनों के प्रयोग द्वारा मनुष्य की अधिक से अधिक आवश्यकता की
पूर्ति करना
2 आर्थिक गति को बनाए रखना एवं लोगों को रोजगार प्रदान करना
अर्थव्यवस्था के प्रकार (types of Economics)
संसाधनों के स्वामित्व के आधार पर विभिन्न देशों में तीन प्रकार की
अर्थव्यवस्था पाई जाती है
1 पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (capitalist economy)
पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का अर्थ व्यवस्था है जहां उत्पादन के साधनों
का स्वामित्व निजी व्यक्तियों के पास होता है जो इसका उपयोग अपने निजी लाभ के लिए
करते हैं जैसे अमेरिका जापान आस्ट्रेलिया आदि
2 समाजवादी अर्थव्यवस्था (socialist economy)
समाजवादी अर्थव्यवस्था व अर्थ व्यवस्था है जहां उत्पादन के साधनों का स्वामी एवं
संचालन देश की सरकार के पास होता है जिसका उपयोग सामाजिक कल्याण के लिए किया जाता
है चीन क्यूबा आदि देशो में समाजवादी अर्थव्यवस्था है विगत वर्षों में भूमंडलीकरण एवं उदारीकरण के
कारण सामाजिक अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने लगा है
3. मिश्रित अर्थव्यवस्था (mixed economy)
मिश्रित अर्थव्यवस्था पूंजीवादी तथा समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण है मिश्रित अर्थव्यवस्था व अर्थव्यवस्था है जहां उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सरकार तथा निजी व्यक्तियों के पास होता है भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था है यह अर्थव्यवस्था पूंजीवाद एवं समाजवाद के बीच का रास्ता है (it is a Midway between capitalism and socialism)
* सबसे पहले मिश्रित अर्थव्यवस्था की शुरूआत फ्रांस में किया गया था
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र (sectors of an economy)
एक अर्थव्यवस्था का प्राय दो दृष्टियों से वर्गीकरण किया जाता है स्वामित्व के आधार पर तथा व्यवसाय
के आधार पर। स्वामित्व के आधार पर किसी अर्थव्यवस्था के दो प्रमुख क्षेत्र होते
हैं निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र। निजी क्षेत्र वह है जिसमें सभी प्रकार के
उद्योग या व्यवसाय किसी व्यक्ति या निजी संस्था के अधिकार में होते हैं। इसके
विपरीत सार्वजनिक क्षेत्र वह है जिसमें किसी उद्योग या व्यवसाय पर सरकार का
स्वामित्व एवं नियंत्रण होता है।
अर्थव्यवस्थाओं का व्यवसाय या आर्थिक क्रियाकलाप के आधार पर भी
वर्गीकरण किया जाता है। इस दृष्टि से किसी अर्थव्यवस्था के तीन प्रमुख क्षेत्र
होते हैं। 1 प्राथमिक क्षेत्र 2 द्वितीयक क्षेत्र 3 तृतीयक क्षेत्र
प्राथमिक क्षेत्र– प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत कृषि एवं इसकी सहायक क्रियाओं को सम्मिलित
किया जाता है जैसे पशुपालन वानिकी मत्स्य ग्रहण खनन इत्यादि। यह क्षेत्र मनुष्य का
प्राचीनतम व्यवस्था है प्राथमिक क्षेत्र फसलों मां सदस्य वन उत्पाद खाना आदि जैसे
प्राकृतिक उत्पादों का उत्पादन करता है प्राथमिक क्षेत्र को कृषि क्षेत्र भी कहा
जाता है प्राथमिक क्षेत्र उद्योग के लिए कच्चे माल की व्यवस्था करता है l
द्वितीयक क्षेत्र– द्वितीयक क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र भी कहा जाता है। इसके अंतर्गत खनिज व्यवसाय निर्माण कार्य जन उपयोगी सेवाएं जैसे गैस और बिजली आदि के उत्पादन आते हैं l
तृतीयक क्षेत्र-- तृतीयक क्षेत्र क्षेत्र को सेवा क्षेत्र भी कहा जाता है इसके अंतर्गत बैंक
एवं बीमा परिवहन संचार और व्यापार अभिक्रियाएं सम्मिलित होती हैं यह क्रियाएं
प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र की क्रियाओं को सहायता प्रदान करती है इसलिए इसे
सेवा क्षेत्र कहा जाता है l
अर्थव्यवस्था का विकास
अर्थव्यवस्था का विकास एक पौधे की विकास की तरह होता है जो 1 लंबी
अवधि में पूरा होता है आर्थिक विकास का मुख्य उद्देश्य अर्थव्यवस्था के समस्त
क्षेत्र में उत्पादकता का स्तर ऊंचा करना होता हैं
I आर्थिक विकास ii मौद्रिक विकास
आर्थिक विकास आर्थिक विकास
की परिभाषा को लेकर अर्थशास्त्रियों में काफी मतभेद है। इसकी एक सर्वमान्य परिभाषा
नहीं दी जा सकती हैl
आर्थिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा दीर्घकाल में किसी
अर्थव्यवस्था की वास्तविक राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है ।
वास्तव में आर्थिक विकास की कई अवधारणाएं हैं तथा इसका क्रमिक विकास हुआ है कुछ समय पूर्व तक आर्थिक विकास का अर्थ उत्पादन एवं आय में होने वाले वृद्धि से लगाया जाता थाl आर्थिक दृष्टि से विकसित देश के व्यक्ति अधिक आय अर्जित करते हैं l अतः उन्हें अपनी आवश्यकता की प्रायः सभी वस्तुएं एवं सेवाएं उपलब्ध होती हैं l यदि इन देशों में कुछ वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता है l तो वह अपने धन से इस का आयात कर सकते हैं इस विचारधारा के अनुसार आर्थिक विकास का अर्थ देश के प्राकृतिक एवं मानव संसाधन के कुशल प्रयोग द्वारा राष्ट्रीय एवं प्रति व्यक्ति वास्तविक आय में वृद्धि करना l
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें